कर्म ........................................................................................................................................................................ गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं- वास्तव में सभी कर्म प्रकर्ति के गुणों द्वारा किये हुए हैं अज्ञानता से भरा हुआ अज्ञानी मनुष्य ये मैं कर रहा हूँ ऐसा मान लेता है। कर्म का अर्थ है चलना या हरकत करना । कर्म पांच प्रकार के होते हैं -ऊपर फेकना ,नीचे गिराना ,सिकोड़ना,फैलाना एवं गमन करना। मनुष्य के कर्म पाप और पुण्य से युक्त होते हैं ।सभी प्रकार के कर्म रजोगुण के द्वारा किये जाते हैं,बिना रजोगुण के कोई क्रिया नही होती है। रजोगुण का जब सत्वगुण के साथ संबंध होता है तो ज्ञान धर्म वैराग्य में वृद्धि होती है । तथा रजोगुण का तमोगुण के साथ संबंध होने पर अज्ञान अधर्म अवैराग्य आदि कर्मो में प्रवृति होती है। यही दोनों प्रकार के कर्म शुभ-अशुभ,पाप-पुण्य कहलाते हैं । जब रजोगुण का सत्व और तम दोनों के साथ संबंध होता है तो मिश्रित कर्म कहे जाते हैं। इन्ही कर्मो के अनु
भारत-चीन और गलवान घाटी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:- ऐतिहासिक रूप से यदि देखा जाये तो भारत और चीन दोनो ही विश्व की सबसे प्राचीनतम सभ्यताएं है और दोनों ही अग्रेंजो का उपनिवेश रहे है। दोनो ने आजादी की लडाई लड़ी और स्वतंत्रता भी लगभग एक ही समय मिली। दोनो की इसी समानता को देखकर पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने हिन्दी-चीनी भाई भाई का नारा दिया। औपनिवेशिकरण के दौरान ही अग्रेंजो ने भारत और चीन के मध्य एक सीमा का निर्धारण किया जिसे line of Actual Control के नाम से जाना जाता है परन्तु चीन इस सीमा को मानने के इन्कार करता रहा है और यहीं से ही सीमा विवाद का जन्म होता है। यह विवाद कभी तिब्बत के रूप मे, कभी अरूणाचल प्रदेश तो कभी सियाचिन और लद्दाख की पैंगाग झील के रूप मे हमारे सामने आता है और चीन भारतीय सम्प्रभु क्षेत्रों मे अक्सर अपना दावा करता रहा है। इसी के चलते चीन ने लद्दाख के पूर्व का क्षेत्र अपने कब्जे मे ले लिया जिसे आज अक्साई चीन के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र कुल कश्मीर का लगभग 17% है। विवाद का वर्तमान कारण:- भारत-चीन विवाद का वर्तमान